द्वारा – सोनू कुमार तिवारी
चर्चा में क्यों ?
पहलगाम घटना के बाद, भारत की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों , सुरक्षा पर कैबिनेट समिति के बैठक के बाद भारत सरकार पाँच सूत्री एक्शन प्लान बनाया जिसके तहत अग्रलिखित निर्णय लिए गए – सिंधु जल संधि (IWT) का निलंबन,अटारी-वाघा सीमा चेक पोस्ट बंद,सार्क वीज़ा छूट योजना (एसवीईएस) को रद्द करना, पाकिस्तानी उच्च आयोग से सैन्य सलाहकारों का निष्कासन & राजनयिक कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
क्या है सिंधु जल संधि और इसकी आवश्यकता क्यो पड़ी ?
➡️ सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण जल समझौता है, जिसे विश्व बैंक की मध्यस्थता से हस्ताक्षरित किया गया था। इस संधि के तहत, सिंधु नदी और उसकी 5 सहायक नदियों का पानी दोनों देशों के बीच बांटा गया। सिंधु जल संधि के अनुसार, भारत को रावी, ब्यास, और सतलज (तीन पूर्वी नदियाँ) का पानी उपयोग करने का अधिकार मिला है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चेनाब (तीन पश्चिमी नदियाँ) का पानी मिलने का अधिकार है।
➡️सिंधु जल के बंटवारे की आवश्यकता 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद उत्पन्न हुई, क्योंकि दोनों देशों की प्रमुख नदियाँ एक ही सिंधु नदी प्रणाली में बहती थीं। पानी की पर्याप्त आपूर्ति और कृषि की निर्भरता को देखते हुए, सिंधु जल संधि (1960) के तहत जल वितरण तय किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच विवादों का समाधान हो सका। यह संधि जल विवादों को सुलझाने के लिए बनी थी, लेकिन समय-समय पर इसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव और विवाद भी उठते रहे हैं।
सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ –
सिंधु नदी (Indus):
उद्गम: तिब्बत (Tibet)
अपवाह क्षेत्र: भारत, पाकिस्तान
महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ: झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास, सतलज
Exam Fact: सिंधु नदी को सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को आवंटित किया गया है, और यह दक्षिण एशिया की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक मानी जाती है। यह नदी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
1. झेलम (Jhelum): | उद्गम: जम्मू और कश्मीर (India) अपवाह क्षेत्र: पाकिस्तान महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ: चिनाब Exam Fact: झेलम पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के तहत आवंटित है। |
2. चेनाब (Chenab): | उद्गम: हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर अपवाह क्षेत्र: पाकिस्तान महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ: झेलम, रावी Exam Fact: यह नदी पाकिस्तान के पंजाब में बहती है और कृषि के लिए जल प्रदान करती है। |
3. रावी (Ravi): | उद्गम: हिमाचल प्रदेश अपवाह क्षेत्र: पाकिस्तान महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ: ब्यास Exam Fact: भारत को सिंधु जल संधि के तहत रावी का जल आवंटित किया गया है। |
4. ब्यास (Beas): | उद्गम: हिमाचल प्रदेश अपवाह क्षेत्र: भारत (Punjab) महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ: लहरी, तवी Exam Fact: ब्यास को भारत को आवंटित किया गया है और यह पंजाब के जल आपूर्ति में अहम भूमिका निभाती है। |
5. सतलज (Sutlej): | उद्गम: तिब्बत (Tibet) अपवाह क्षेत्र: भारत और पाकिस्तान महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ: ब्यास, हलकी, गंगा Exam Fact: सतलज भारत के लिए सिंधु जल संधि के तहत आवंटित है और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। |
सिंधु जल संधि से संबंधित भारतीय जल परियोजनाएँ एवं बांध-
1. किशनगंगा जलविद्युत परियोजना (Kishanganga Hydroelectric Project) | ➡️निर्माण प्रारंभ: 2007 संचालन प्रारंभ: 2018 में सभी तीन 110 MW इकाइयाँ समन्वित की गईं ➡️विशेषताएँ: स्थान: बांदीपोरा, जम्मू और कश्मीर प्रकार: रन-ऑफ-द-रिवर (Run-of-the-River) संचालित क्षमता: 330 MW डेम प्रकार: 37 मीटर ऊँचा कंक्रीट-फेस्ड रॉकफिल डेम (CFRD) ➡️जलवितरण: जल को किशनगंगा नदी से जिहलम नदी बेसिन में स्थानांतरित किया जाता है ➡️ सामरिक महत्व: पाकिस्तान ने इस परियोजना पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को आवंटित जल स्रोतों से संबंधित हैअंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के बाद, भारत को न्यूनतम जल प्रवाह बनाए रखने का निर्देश दिया गया है |
2. दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना (Dulhasti Hydroelectric Project) | ➡️ निर्माण प्रारंभ: 2004 संचालन प्रारंभ: 2007 में सभी तीन 130 MW इकाइयाँ समन्वित की गईं विशेषताएँ: स्थान: किश्तवाड़, जम्मू और कश्मीर प्रकार: रन-ऑफ-द-रिवर (Run-of-the-River) संचालित क्षमता: 390 MW डेम प्रकार: 70 मीटर ऊँचा कंक्रीट-ग्रेविटी डेम जलवितरण: जल को चेनाब नदी से स्थानांतरित किया जाता है ➡️ सामरिक महत्व: यह परियोजना भारत के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करती है। पाकिस्तान ने इस परियोजना पर भी आपत्ति जताई है, क्योंकि यह सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को आवंटित जल स्रोतों से संबंधित है। |
3. रतले जलविद्युत परियोजना (Ratle Hydroelectric Project) | ➡️निर्माण प्रारंभ: 2022 निर्माण स्थिति: निर्माणाधीन निर्धारित संचालन प्रारंभ: 2026 (अनुमानित) ➡️ विशेषताएँ: स्थान: ड्रबशाला, किश्तवाड़, जम्मू और कश्मीर प्रकार: रन-ऑफ-द-रिवर (Run-of-the-River) संचालित क्षमता: 850 MW डेम प्रकार: 133 मीटर ऊँचा कंक्रीट-ग्रेविटी डेम जलवितरण: जल को चेनाब नदी से स्थानांतरित किया जाएगा ➡️ सामरिक महत्व: पाकिस्तान ने इस परियोजना पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को आवंटित जल स्रोतों से संबंधित है।यह परियोजना जम्मू और कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करती है |
सिंधु आयोग: एक महत्वपूर्ण संस्था-
स्थापना वर्ष: सिंधु आयोग की स्थापना 1960 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सिंधु नदी प्रणाली के जल के उचित उपयोग और प्रबंधन को सुनिश्चित करना था।
प्रासंगिकता या महत्व:
सिंधु जल संधि के तहत जल वितरण के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना।दोनों देशों के बीच जल विवादों का समाधान करना।जल संबंधित विवादों के मध्यस्थता के लिए एक मंच प्रदान करना। जलप्रवाह और बांध निर्माण से संबंधित परियोजनाओं की निगरानी करना।
संरचना:
सिंधु आयोग में दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के एक-एक आयुक्त होते हैं। आयोग की बैठकें नियमित रूप से आयोजित होती हैं, जहाँ जल वितरण, जल प्रबंधन और परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है। अगर दोनों देशों के बीच विवाद नहीं सुलझता, तो एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाती है। सिंधु आयोग ने कई विवादों को सुलझाने के लिए अपनी भूमिका निभाई औरभारत-पाकिस्तान के जल संबंधों को प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
सम्भावित प्रश्न (प्रीलिम्स)
प्रश्न: 1.सिंधु आयोग किस वर्ष स्थापित किया गया था?
A) 1958
B) 1960
C) 1962
D) 1965
उत्तर: B) 1960
प्रश्न:2. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा असत्य है?
A) किशनगंगा जलविद्युत परियोजना किशनगंगा नदी पर स्थित है।
B) दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना सिंधु नदी पर स्थित है।
C) रतले जलविद्युत परियोजना चेनाब नदी पर स्थित है।
D) दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना चेनाब नदी पर स्थित है।
Ans: B) दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना सिंधु नदी पर स्थित है। यह कथन असत्य है।
प्रश्न: 3. निम्नलिखित जोड़ों में से सही मिलान करें:
सूची-I
(परियोजना)
1. किशनगंगा जलविद्युत परियोजना
2.दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना
3. रतले जलविद्युत परियोजना
सूची-II
(नदी)
A) किशनगंगा नदी
B) चेनाब नदी
C) सिंधु नदी
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) 1-A, 2-B, 3-B
(b) 1-A, 2-C, 3-B
(c) 1-B, 2-A, 3-C
(d) 1-C, 2-B, 3-A
उत्तर: (a)
सही मिलान:
* 1 – (A) किशनगंगा जलविद्युत परियोजना – किशनगंगा नदी: यह परियोजना झेलम नदी की सहायक नदी किशनगंगा पर स्थित है।
* 2 – (B) दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना – चेनाब नदी: यह परियोजना जम्मू और कश्मीर में चेनाब नदी पर स्थित है।
* 3 – (B) रतले जलविद्युत परियोजना – चेनाब नदी: यह निर्माणाधीन परियोजना भी जम्मू और कश्मीर में चेनाब नदी पर स्थित है।
मुख्य परीक्षा के लिए
प्रश्न-1. सिंधु जल संधि के रद्द होने के बाद भारत को जल संसाधन के प्रबंधन के लिए कौन सी नीतियां अपनानी चाहिए?
प्रश्न -2. क्या सिंधु जल संधि को रद्द करने से भारत के कूटनीतिक संबंधों पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है? विश्लेषण करें।