यह पुरस्कार विनोद कुमार शुक्ल को दिया गया है।
शुक्ल जी ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले 12 वें हिंदी साहित्यकार हैं।
शुक्ल जी का लेखन सरल भाषा, गहरी संवेदनशीलता, उथल- पुथल भरी अंर्तवस्तु के लिए विख्यात है।
उनकी प्रयोगधर्मिता को समकालीन पाठक वर्ग बहुत पसंद करता है।
शुक्ल जी के उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ पर वर्ष 1999 में फिल्मकार मणि कौल इसी नाम से फिल्म भी बना चुके हैं।
ज्ञानपीठ मिलने पर विनोद कुमार शुक्ल जी ने कहा – ‘‘मैंने बहुत पढ़ा, बहुत देखा और बहुत सुना है; लेकिन उस सबकी तुलना में बहुत कम लिख पाया हूँ’’।